शुक्रवार, 19 सितंबर 2014

अलग-अलग रास्ते

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प्रकृति की रचना इतनी शानदार और विविध है कि सबके बारे में वर्णन कर पाना संभव नही है।  लेकिन उसकी  सबसे सुन्दर रचना "मनुष्य" है।  पर क्यों ? क्योंकि  उसके पास सोचने-समझने का गुण है।  लेकिन ये गुण तो अन्य जीवों में भी होता है।  सही बात है।  पर एक कमी होती है!  वो क्या ?  वो है अभिव्यक्ति।  अर्थात सोचने-समझने के बाद अपने अंदर उत्पन्न हुए विचारों को बाहर प्रकट करना।  और यही एक गुण है जो मनुष्य को अन्य जीवों से अलग करता है।  पर इसका लाभ  क्या है ? इसका उत्तर जानने के लिए हमे मनुष्य की प्रकृति (Nature) समझनी पड़ेगी।  संक्षेप में कहे तो मनुष्य समूह में रहना पसंद करता है जिसे हम समाज (Society) के नाम से जानते हैं।  जिसमे एक दूसरे के साथ पारस्परिक विचारों का आदान-प्रदान अर्थात Interaction होता रहता है।  यही जरुरत पड़ती है अभिव्यक्ति की। अब प्रश्न उठता है कैसे करें अभिव्यक्ति ? और क्यों ? How to express our-self ? & Why ? कैसे करे ? इसके लिए हमे शब्दों की जरुरत पड़ती है।  अक्षरो के समूह को शब्द कहते है, और एक-एक शब्द इतने प्रभावशाली होते है कि व्यक्ति के जीवन में गहरा प्रभाव छोड़ते हैं।  कई बार कुछ शब्द तो जीवन की रूप-रेखा ही बदल देते हैं। दूसरा प्रश्न क्यों करे ? मानवता के लिए ! For the Humanity क्योंकि शास्त्रो में भी कहा गया है कि "मनुर्भवः" अर्थात मनुष्य बनो "Be a Human Being"  वो कैसे ? प्यार बाँट कर, सद्भाव  बाँट कर (With Harmoniously).  आइये आप और हम मिलकर इसको वास्तविक रूप दे।  

आज हम अपने आस-पास हो रहीं घटनाओं को देखे तो हमारे पास कहने के लिए बहुत कुछ हैं।  पर हम कह नही पाते और उसको प्रकट नही कर पाते हैं, क्योंकि हमारे पास माध्यम नही होता।  www.whizzingwords.com  एक छोटा सा प्रयास है, एक माध्यम है अपने विचारों को मूर्त रूप देने का। (It's a platform to express your views) तो अपने विचारों को शब्दों में ढालिये और अपने अनुभव हमसे बाँटिये।



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